जिसने कभी मेरा हाथ नहीं थामा, मैं उसकी राह देखता रहा ।
जिसने मेरे बारे में एक पल ना सोचा, मैं उम्रभर उसके बारे में सोचता रहा।
कहा पता था वो मुझसे इस कदर पेश आएगा, जिसका चेहरा बंद आंखो से देखता रहा।
मौहोब्बत करने के बाद लोग कहता है मैं वो ना रहा, ये जानने के लिए मैं कल पुरी रात आईना देखता रहा।
और वो मेरी किस्मत में ही नहीं था, मैं अपने हाथो की लकीरों उसका नाम देखता रहा।
समझ नहीं आया पागल कौन था, मैं जो उसे देखता रहा या वो जो दुनिया देखता रहा।
जिसने मेरे बारे में एक पल ना सोचा, मैं उम्रभर उसके बारे में सोचता रहा।
कहा पता था वो मुझसे इस कदर पेश आएगा, जिसका चेहरा बंद आंखो से देखता रहा।
मौहोब्बत करने के बाद लोग कहता है मैं वो ना रहा, ये जानने के लिए मैं कल पुरी रात आईना देखता रहा।
और वो मेरी किस्मत में ही नहीं था, मैं अपने हाथो की लकीरों उसका नाम देखता रहा।
समझ नहीं आया पागल कौन था, मैं जो उसे देखता रहा या वो जो दुनिया देखता रहा।
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