शनिवार, 12 नवंबर 2016

अपनी हर एक सांस बना ले तुमको...

दिल की धड़कनो में जो कयामत तक कैद रहें, जी चहाता है वो सांसे बना ले तुमको
किसी आंशू की तरह आंखो में बसा ले तुमको, और जब तुम्हारी याद आए हलके से निकाले तुमको
सुबहा शाम तुमको देखे, तुम्हारी खुशबू महसूस करें... किसी गुलाब सा घर में लगा ले तुमको
ये क्या अजीब तमन्ना है मेरी, किसी बच्चे की तरह गोद में उठा लू तुमको
मन तो करता है आग लगा सारी दुनिया को, अपनी दुनिया बना ले तुमको
तुम्हारे बिना क्या हाल है मेरा तुमको पता नहींं, मन में तो है किसी दिन दिल से रु-बा-रू करा दे तुमको

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