रविवार, 26 नवंबर 2017

वो मुझे अपना आईना बताता है

एक पैगाम जो हर रात आता है, किसी का ख्याब है जो मुझे सताता है।
दिन में कई बार रुठता है मुझसे, फिर अपने बीते कल पर आंसू बहाता है।
गजब का शख्स वो है, अकेले में रोता है और सबके सामने मुस्कुराता है।
बेचैन करके रख दिया उसने मुझे, ना मुझसे दूर रहता है ना करीब आता है।
उस इबादत की इबादत क्या करुं, जो इतना कुछ सहकर भी खुद को साधारण दिखाता है।
उसके लिए कीमती तो नहीं हूं मैं, फिर भी वो सबको मेरे किस्से सुनाता है।
कोई जब उससे पुछता है कि कौन है वो, तो मेरा चेहरा अपनी आंखो में दिखाता है।
और मैं कैसे साथ छोड़ूं उस शख्स का, जो गुमनाम रास्तों पर मुझे अपना हमसफ़र बताता है।



बुधवार, 15 नवंबर 2017

तू कहीं मुझे छोड़ ना जाए...

मेरे ख्यालों से शहर में वो रातों रात आबाद हो जाए, जी चाहता है उसे इतना पढ़ू कि मुझे वो याद हो जाए।
मौहोब्बत के सफर में वो साथ तो चल रहा है, पर डर है कहीं वो सारा का सारा बर्बाद हो ना जाए।
मैं खुश तो बहुत हूं, उसके साथ रहने में, पर चींता सी खाए जा रही है कहीं किसी का वो मेरे बाद हो ना जाए।

मंगलवार, 7 नवंबर 2017

एक अजीब सा एहसास है!

कल रात एक ख्याब ख्याबों में आया है, जिसने मुझे जिंदगी जीने का सलिखा सिखाया है।
मुझे अच्छे से पता है वो खत किसी और का है, महज बस मेरे पते पर आया है।
शायद उसे पढ़ने की हिम्मत नहीं है मुझ में, फिर भी मैं ने उसे सीने से लगाया है।
रास्ते अलग है दोनों के, फिर भी उसने मुझे मंजिल का पता बताया है।
ना जाने मैं सही हूं या गलत, पर बहुत कीमती है वो एहसास जो उसे छूकर आया है।
शायद पिछले जन्म का कोई अधूरा रिश्ता है, जो उसने इस जन्म में निभाया है।



अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय प्रेम कथा

#पार्ट_1 नोट- ये कहानी काल्पनिक हो सकती है इसको अन्यथा न ले बस रोमांच के लिए इसको पढ़े तो बेहतर होगा।। प्यार, मोहोब्बत, इश्क़, वफ़ा ये वो शब्द ...