बुधवार, 23 अगस्त 2017

वो मुझे छोड़ गया...

वो हंसकर अपना हर वादा तोड़ गया... कुछ इस तरह वो मेरा दामन छोड़ गया|
जो हर रोज कहता था कि तुम्हें चांद लाकर दूंगा... मंजिल करीब आने पर वो रास्ता छोड़ गया|
और जिसने यकीन दिलाया था कि मेरी मोहब्बत कबूल होगी... आज भरी महफिल में वो मुझे तन्हा छोड़ गया|
जवाब नहीं उसकी वफा का... हमें गुनहगार कहकर हमारी बेगुनाही का सबूत छोड़ गया|

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