सदीयो से खोया हूं
तेरी तेरी यादों में, किसी रोज आकर नीद से जगा दे मुझको।
एक घर में किसी किमती समान की तरह पड़ा
हूं, दवे पैर आकार चुरा ले मुझको।
जिंदगी जिंदगी लगे कुछ ऐसा करिशमा कर, हकीक़त में ना सही सपने में ही गले से लगा ले मुझको।
और खुदा ऐसा कर वो मेरे
बिना एक पल ना जी पाए, उसकी सांसों में ही बसा दे मुझको।
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