रविवार, 11 जुलाई 2021

लोग क्या से क्या हो जाते हैं

 तुम पूछते हो न लोग पागल कैसे हो जाते हैं,

मुझे देखो, बिल्कुल ऐसे ही हो जाते हैं

ख्वाबों का धंधा करती हो न

चलो बताओ रोज़ कितने पैसे हो जाते हैं,

उसे एक पल देखना बड़ा मुश्किल है, उसके देखने से शहर के शहर गुमनाम हो जाते हैं,

तुम हर काम के लिए खुदा को याद करते हो उसके वैसे ही हो जाते हैं,

नाजुक फूल सा उसका लहज़ा है, और झील जैसी उसकी आंखें

यक़ीन मानो उसके स्पर्श से ही बड़े बड़े पत्थर मोम हो जाते हैं,

और बहुत देखे होंगे तुमने शहरभर में रहीसज़ादे,

उससे मिलकर तो अनंत भी शून्य हो जाते हैं।।

#नक्षत्र #शायरी #प्रेम

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