रविवार, 14 जनवरी 2018

उसने हमसफर कहकर मुझे गले से लगाया था

चंद दिनों पहले एक शख्स जिंदगी में आया था, जादूगर सा दिखाता है उसने मुझे मुझी से चुराया था।
कहती है उसे मेरे साथ रहना पंसद है, उसने रातों रात मुझे गले का मंगलसूत्र आँखों का काजल बनाया था।
एक रात मैने भी भरा था उसकी मांग में सिंदूर, उस दिन के बाद से उसमे अपनी पत्नी को पाया था
उसने वादा किया है कि वो बदलेगी मेरे लिए, उस दिन मेरी आंखों में आंसुओं का सैलाब आया था।
इतना कुछ होने के बाद भी मेरे सपनों में वही आती है, उसने हमसफर कहकर मुझे गले से लगाया था।
बड़ा गुस्सा था जब उसे किसी ने अपशब्द कहे थे, जब मैने तुम्हें बताया तो तुमने मुझे बातों में धूमाया था।
तुमसे मोहब्बत बेइंतहा है मुझको, ये जानकर भी एक रोज तुम्हारा दोस्त तुम्हारे बीते कल की किताब लाया था।
कह रहा था पढ़ लो फिर नफरत उससे करोगे उससे, मुझे याद है मैने हँसकर उसे अपना जवाब बताया था।
दुख होता है जब लोगों से वो हँसकर बात करता है, क्योकी वो वही लोग है जिंहोने मुझे तुमसे दूर रहने के लिए समझाया था।
पर आज भी मैं खुद को तुम्हारी आंखो में तलाश करता हूं, पर पता नहीं क्यों ना तो मैं उनमे दिखता हूं ना कभी नज़र आता था।
खैर तुम्हारी मर्जी मेरे साथ जैसा चाहो बर्ताव करो, मैं तो हमेशा से तुम्हारा हूं तुम्हारा रहूंगा और तुम्हारा ही तो था।







अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय प्रेम कथा

#पार्ट_1 नोट- ये कहानी काल्पनिक हो सकती है इसको अन्यथा न ले बस रोमांच के लिए इसको पढ़े तो बेहतर होगा।। प्यार, मोहोब्बत, इश्क़, वफ़ा ये वो शब्द ...